सुभाष पटेल
राजपुर/आज की इस भागम भाग भरी दुनिया में जहाँ हर कोई अपने स्वार्थ की रेस में दौड़ता है, वही कुछ लोग ऐसे होते है जो निस्वार्थ भाव से एक नई पीढ़ी को तैयार करते है। आज हम बात कर रहे हे ऐसे ही एक युवा जनप्रतिनिधि सुनिल सोलंकी की जिनके प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव के संकेत देते है। उन्होंने अपने क्षेत्र के 1ली से 10वी तक के गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का प्रयास करने के साथ ही स्वयं सुबह 7 बजे से उनको शिक्षा देने का काम कर रहे है। *बाबा साहेब ने भी कहा था “शिक्षा वो शेरनी का दूध है, जो पियेगा वो दहाड़ेगा”। बाबा साहेब का सपना पूरा करने के लिए सुनिल सोलंकी जैसे युवा आगे आ रहे है । वो एक जनप्रतिनिधि ही नहीं है बल्कि अपने क्षेत्र की उम्मीद है जो हर समय नवाचार करते रहते है। उन्होंने शिक्षा देने का जो नवाचार किया है उससे कई बच्चों का भविष्य बनेगा साथ ही उन लोगों के लिए प्रेरणा का काम करेगा जो समाज में कुछ अच्छा कार्य करना चाहते है।
