*देव कन्याओं ने गांवों में किए संस्कार कार्यक्रम, देव संस्कृति विवि शांतिकुंज हरिद्वार से बटियागढ़ सावित्री फुले महाविद्यालय आई देवकन्याएं।*
रिपोर्ट विनोद उदेनिया दमोह
बटियागढ़ । देव संस्कृति विवि शांतिकुंज हरिद्वार से दमोह जिले के बटियागढ़ और खड़ेरी आई देवकन्याएं, जहां सावित्री बाई फुले महाविद्यालय बटियागढ़ और हायर सेकेण्डरी स्कूल खड़ेरी की छात्र छात्राओं को गायत्री मंत्र का महत्व और व्यक्ति निर्माण से परिवार निर्माण, परिवार निर्माण से समाज निर्माण तथा समाज से उन्नत राष्ट्र का निर्माण होता है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार से आई देव कन्याओं ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के नेतृत्व में यह कार्यक्रम निरंतर चल रहें हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में ऋषि-मुनियों ने 16 संस्कार प्रतिपादित किए थे, जो आज विलुप्त हो रहे हैं। इन्हीं बातों पर देव कन्याओं के द्वारा रोशनी डाली गई।
देवकन्या रूपाली यदुवंशी, शिवानी कपिराज और अंकिता सिंह एवं उनकी टोली ने बताया कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के द्वारा पूरे भारतवर्ष में संस्कारों की परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है।
यज्ञ का महत्व
यज्ञ से प्रशन्न होते हैं देवता, यज्ञ एवं सभी संस्कार जैसे पुंसवन , नामकरण संस्कार, जन्मदिन, विद्यारम, विवाह दिवस, आदि ऐसे 16 संस्कार होना चाहिए।
खड़ेरी ग्राम सिद्ध नगरी में 108 गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव होने जा रहा है। जिसकी समीक्षा बैठक खड़ेरी में ली गई। देव संस्कृति विश्वविद्यालय से आई हुई देव कन्याऐ। एवं दमोह जिला गायत्री परिवार समन्वयक बीपी गर्ग द्वारा बैठक ली गई और यज्ञ शाला का निरीक्षण किया गया।
कार्यक्रम में शांति कुंज हरिद्वार के कार्यकर्ता 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ व्यवस्थापक पं. महेश पचौरी, दमोह गायत्री परिवार शंकर लाल शिक्षक कार्यवाहक, श्रीमती विद्या राजपूत दमोह गायत्री परिवार, बटियागढ़ ब्लॉक समन्वयक गायत्री परिवार संतोष मोदी और खड़ेरी सरपंच प्रतिनिधि गोविंद पटेल सहित सावित्री बाई फुले महाविद्यालय बटियागढ़ के प्राचार्य भूपेंद्र सिंह एवं ग्राम के गणमान्य नागरिक की उपस्थिति रही।
